हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है ।।
हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है ।। Har Waqt Tere Aane Ki Aas Rahati Hai.
जय श्रीमन्नारायण,
प्यारे कन्हैया, प्यारे कान्हा जी !
मैं तुम्हें इतने प्यार से बुलाता हूँ, कभी भूलकर ही सही “आ भी जाओ प्यारे” ।।
प्यारे ! तुम्हारी अदा का क्या जवाब दूँ ।
मेरे प्रियतम ! तुझे क्या उपहार दूँ ।।
कोई अच्छा सा फूल होता तो माली से मंगवाता ।
प्यारे ! तुम तो खुद गुलाब हो, तुझको क्या गुलाब दूँ ।।
जो पल पल चलती रहे, उसे जिंदगी कहते है ।
जो हरपल जलती रहे, उसे रोशनी कहते है ।।
जो साथ न छोड़े कभी, उसे दोस्ती कहते है ।
लेकिन जो पलपल रुलाये, उसे आशिकी कहते है ।।
प्यारे ! हर वक़्त तेरे आने की आस रहती है ।
हर पल तुमसे मिलने की प्यास रहती है ।।
सब कुछ दिया है तूने, बस तूं ही यहाँ नहीं है ।
इसलिए प्यारे ! मेरी ज़िन्दगी ही उदास लगती है ।।
प्यारे ! रह रह के मुझे इतना क्यूँ रुलाते हो ।
याद कर तो सकते नहीं तो याद क्यूँ आते हो ।।
कभी तो आ भी जाओ प्रियतम ! क्योंकि प्यारे ! आपके बिना हमारा कोई आस्तित्व ही नहीं बचता ।।